प्रियंवद के लेख

उत्तर प्रदेश के कानपुर में जन्मे प्रियंवद 'प्राचीन भारतीय इतिहास एवं संस्कृति' में परास्नातक हैं. प्रियंवद हिंदी के अनूठे कथाकार हैं, लेखन के साथ-साथ वह प्रतिष्ठित पत्रिका 'अकार' का कई वर्षों से नियमित संपादन और प्रकाशन भी कर रहे हैं.

खरगोश

लेखक प्रियंवद की कहानी ‘खरगोश’ कामना के भंवर में उपजे तनावों की कहानी है तो वहीं एक किशोर मन में उपजी सैकड़ों भावनाओं की कहानी भी है. एक कस्बाई शहर की गलियां, गंध, धूप, छत, सीढ़ियों और उसके रिदम में बंटू, बंटू के अविनीश भाई और अविनीश भाई की मृत्यु- खरगोश इन्हीं किरदारों के इर्ग-गिर्द घूमती है.

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