पॉडकास्ट कवर: सादिया सईद
बोलती कहानियां के पहले एपिसोड में आइए अनीता से सुनें कहानी – रोटी बनाए टंटू, जिसमें एक दिन के लिए पति और पत्नी ने अपने काम की अदला-बदली कर ली है.
इस पॉडकास्ट में हर बार हम लेकर आएंगे जेंडर पर एक नई रोचक कहानी. निरंतर ट्रस्ट के पिटारे के साथ-साथ हिन्दी साहित्य के विशाल भंडारे से चुनकर निकाली गई इन कहानियों के कई उपयोग हो सकते हैं.
इन्हें जेंडर कार्यशालाओं में सुनाया जा सकता है, जहां गंभीर एवं जटिल विषयों पर बातचीत के लिए ये सहायक का काम करती हैं. इन कहानियों को स्कूली विद्यार्थियों, कम्यूनिटी लाइब्रेरी, यूथ ग्रुप्स, प्रौढ़ शिक्षा केन्द्र, पुरूषों के चर्चा समूहों में भी संबंधित विषयों पर बातचीत के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, जो आमतौर पर उनके विमर्श के केन्द्र से बाहर ही रहते हैं.
निरंतर ट्रस्ट ने खुद इन कहानियों का इस्तेमाल फील्ड वर्कशॉप्स में किया है और इनसे वहां कभी गहरी, कभी रोचक और कभी चौका देने वाली चर्चाएं निकलकर सामने आई हैं. प्रतिभागी इनसे जुड़े अपने ऐसे अनुभव सांझा करती हैं जो शायद सीधा-सीधा सवाल करने पर नहीं करतीं इसलिए ये कहानियां एक अच्छा तरीका हैं ट्रेनिंग में चर्चा को शुरू करने बातचीत आगे बढ़ाने के लिए.