ज़ूम कॉल पर बातों-बातों में जब मुस्कान ने कहा, “हमारे यहां तो ये सब चलता ही नहीं है” तो हमें थोड़ा समय लगा यह समझने में कि मुस्कान यहां प्यार करने और साथ ही गुस्सा करने की बात कर रही है. शुभांगणी जो राजस्थान के केकरी ज़िले से जुड़ रही थी उसने मुस्कान की बातों को आगे बढ़ाते हुए कहा कि मुझे तो लगता है कि बड़ों के लिए हम फुटबॉल हैं! जब इन किशोर दिलों के पास प्यार या गुस्सा दिखाने के लिए कोई जगह नहीं होती तो ये क्या करते हैं? इनके दिल की बात कौन सुनता है? आइए, साथ मिलकर सुनते हैं इन किशोर दिलों की आवाज़ें जहां वे खुलकर बात कह रही हैं.
‘मेरा चश्मा मेरे रूल्स’ तीन एपिसोड की एक पॉडकास्ट शृंखला है. इसे ‘पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट (PLD) के साथ मिलकर हमने तैयार किया है. पीएलडी की मदद से हमारी मुलाकात बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से 18 से 20 साल की 4 लड़कियों से हुई. अलग-अलग सामाजिक और पारिवारिक परिवेश से आने वाली ये लड़कियां एक साझा मंच पर किशोर अवस्था के अपने अनुभवों को साझा कर रही हैं जो कभी-कभार ही हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनती हैं. सुनिए शृंखला का ये आखिरी एपिसोड.
नोट: मुस्कान, शौम्या, साहिबा और शुभांगणी पीएलडी के नेशनल कोलिशन एडवोकेटिंग फॉर एडोलसेंट कंसर्न्स द्वारा मई 2022 में आयोजित एक निबंध प्रतियोगिता ‘मेरे सपने’ की प्रतिभागी हैं. इस निबंध प्रतियोगिता का मकसद था कि 15 से 25 साल तक की लड़कियां परिवार, समुदाय, राज्य या ऐसी किसी आधिकारिक संस्था जिसके बारे में उन्हें विश्वास है कि जिनकी मदद से उनके सपने पूरे हो सकते हैं, उन्हें चिट्ठी लिखे. प्रतियोगिता में चयनित 40 निबंध एक शानदार चित्रात्मक 3डी डाइजेस्ट ,’सपने: लड़कियों की ज़ुबानी’ का हिस्सा बने जिसका लोकार्पण पीएलडी द्वारा 20 दिसंबर 2022 को किया गया. ऑनलाइन आप इसे यहां पढ़ सकते हैं. हार्डकॉपी मंगवाने के लिए इस ईमेल [email protected] पर संपर्क करें.
सहयोगी संस्थाएं: पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट (PLD) और द थर्ड आई (TTE)
लेखन, संपादन: माधुरी आडवाणी
आवाजें: मुस्कान, साहिबा, शौम्या और शुभांगणी
चित्रांकन – अनुप्रिया
आवरण चित्र संपादन – सादिया सईद
इस प्रोजेक्ट से लिए प्राप्त सहयोग राशि यूएनएफपीए (UNFPA India) द्वारा दी गई है. अधिक जानकारी के लिए https://pldindia.org/ और https://pldindia.org/advocating-for-adolescent-concerns/ पर संपर्क करें.