‘द थर्ड आई’ दो तरीक़ों से काम करती है:
अ) ऑनलाइन प्लेटफ़ार्म हर तीन महीने में नए विषय को खंगालता है और कई तरह की पढ़ने देखने और सुनने लायक़ सामग्री को आपके सामने पेश करता है.
ब) ऑफ़लाइन प्लेटफ़ार्म पर तमाम ज़मीनी संगठनों के साथ ट्रेनिंग तथा प्रयोगात्मक सीखने-सिखाने के कार्यक्रम चलते हैं. सामग्री का साझा निर्माण और इस्तेमाल होता है. इससे लेखन और ज्ञान को रचने के इर्दगिर्द जमी जड़ता को कम करने में भी मदद मिलती है.
‘द थर्ड आई’ पर मौजूद सभी सामग्री ओपनसोर्स, द्वी-भाषीय है और यह ‘क्रिएटिव कॉमन्स’ की श्रेणी में आती है. इस सामग्री को विकलांगता से ग्रसित लोग भी उपयोग कर सकते हैं. हम चाहेंगे कि हमारे पाठक, दर्शक और श्रोता अपनी मनपसंद बातों को अपने संदर्भों में ग्रहण और लागू करें और अपने अनुभवों को वापिस हमारे साथ साझा करें. इससे हमें ऐसी डिजिटल सीखने-सिखाने की पद्धति को और अधिक विकसित करने में मदद मिलेगी जो नारीवादी एवं लोकतांत्रिक है.