ज्ञान की दुनिया, नारीवादी नज़र से

अंक 006

मज़ा और खतरा

इस संस्करण के ज़रिए हम मानवीय अनुभवों को समझने और देखने का प्रयास कर रहे हैं – खासकर हमारी इच्छाएं, यौनिकता, सेक्स, शरीर, उम्र, हिंसा, भूख और प्यास जो आपस में एक-दूसरे से टकराते हैं – इन्हें हम अवचेतन की नज़र से देखने की कोशिश करेंगे.

जहां हम खोजते हैं सत्ता का हमसेहमारी सोचहमारे अस्तित्वहमारी देह और आत्मीयता से क्या रिश्ता है.

जहां हम राज्य, कानून, जाति, धर्म, अमीरी–गरीबी और परिवार की मिलती बिछड़ती गलियों के बीच से निकलते हैं और उन्हें आंकते हैं.

यहां हम उस अंदाज़ को पेश करते हैं, जिसके ज़रिए विचारों, अनुभवों और दुनिया भर में तरह-तरह के प्रयोग करने की कोशिश की जा रही है.

नारीवादी सोच एक बहुरंगी चश्मा है जो हमारे जीवन के भिन्न और उलझते तारों को देखने में मदद करता है.

‘हिंसा की शब्दावली’ का निर्माण ज़मीनी स्तर पर काम करने वाली एवं अनुभवी केसवर्करों द्वारा किया गया है जो जेंडर आधारित हिंसा से जुड़े मुद्दों पर दशकों से काम करती रही हैं.

हमारा नवीनतम पॉडकास्ट

फ से फ़ील्ड, ज से जेल: सरिता और मैडम – एपिसोड 4

पॉडकास्ट प्लेलिस्ट

केसवर्कर्स डायरी

3 एपिसोड

एकल इन द सिटी

4 एपिसोड

फ से फील्ड, श से शिक्षा

11 एपिसोड

पिछले संस्करण

Skip to content