अंक 001

काम

सामाजिक, राजनीतिक, बौद्धिक विचार के रूप में काम. इसके इतिहास और विकास की नारीवादी नज़रिए से छानबीन

November 2020
अंक 001: काम
औरतों के काम को कैसे नापा जाए? उसका अनुमान कैसे लगाया जाए? वे कब काम करती हैं, कितना काम करती हैं और कौन−सी क्रिया को काम का दर्जा दिया जाए?

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नारीवादी अर्थशास्त्रियों द्वारा लंबे समय से श्रम को मापने के लिए काम के घंटों, ख़ासकर, महिलाओं के काम के घंटों की गणना को मापदंड के रूप में पैमाना बनाने पर ज़ोर दिया गया है. इस महामारी के दौरान ये नज़रिया और भी महत्त्वपूर्ण हो गया है. ...
स्वास्थ्य सेवाओं के भीतर छूत-अछूत का मसला ही नहीं जेंडर भी यहां अपना रंग दिखाता है। ज़्यादातर नर्स महिलाएं हैं और इसके कारण कई तरह की जाति और जेंडर से जुड़ी दर्जाबंदी साफ़ दिखाई देती है।...
एक टीचर ने जब स्टूडेंट्स को एकांतवास (अकेले रहने) या फिर सीमाओं के भीतर रहने के पहलुओं पर सोचने को कहा तो उसने सोचा नहीं था कि क्लास में आधे से ज़्यादा विद्यार्थी अपनी मांओं को अपनी छवियों का केंद्र बनाएंगे....
क्या एक लड़की ये चुन सकती है कि वह किस से और कब प्यार करेगी? क्या एक लड़का किससे शादी करेगा इसका चुनाव कर सकता है? अगर एक लड़की या लड़का अपने साथी को 'हां' बोलते हैं तो क्या उनके प्यार के अस्तित्व में रहने, फलने-फूलने के लिए समाज में जगह है? ...
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गौरव ओगाले ने लॉकडाउन के दौरान अन्य कलाकारों के साथ मिलकर 12 शॉर्ट फिल्मों की शृंखला बनाई है. ‘टुगेदर वी कैन’ इसी शृंखला का हिस्सा है. इसके लिए राजकुमार राव ने अपनी आवाज़ दी है......
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