जीजा घोष के लेख

जीजा घोष का जन्म सेरेब्रल पाल्सी के साथ हुआ. एक ऐसी अवस्था जो गर्भावस्था के दौरान या जन्म के समय बच्चे के दिमाग को ऑक्सीजन न मिलने की वजह से उत्पन्न होती है. उन्होंने अपनी स्कूल की पढ़ाई इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सेरेब्रल पाल्सी और ला मार्टिनियर फॉर गर्ल्स, कलकत्ता से पूरी की. उन्होंने प्रेसीडेंसी कॉलेज से समाजशास्त्र में बी.ए. किया और दिल्ली स्कूल ऑफ सोशल वर्क, दिल्ली विश्वविद्यालय से एमएसडब्ल्यू (मास्टर ऑफ सोशल वर्क) किया. 2006 में उन्होंने अपनी दूसरी मास्टर्स डिग्री डिसएबिलिटी स्टडीज़ में लीड्स विश्वविद्यालय, यू.के से हासिल की. जीजा सामाजिक क्षेत्र में दो दशकों से अधिक समय से सक्रिय हैं. वे डिसएबल्ड पीपल्स मूवमेंट का हिस्सा रही हैं, जिसके अंतर्गत उनकी ख़ास रुचि विकलांग औरतों में रही है. जीजा ने 2018 तक कलकत्ता के इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ सेरेबरल पाल्सी में ऍडवोकेसी एंड डिसएबिलिटी स्टडीज़ की प्रमुख के रूप में कार्य किया है. फिलहाल वे मुख्यत: प्रशिक्षण और अनुसंधान के क्षेत्र में जेंडर और विकलांगता पर स्वतंत्र परामर्शदाता हैं.

कोविड-19 और लॉकडाउन के बीच की ग़ायब कड़ी

विकलांगता अधिकारों के लिए काम करने वाली जीजा घोष ने कोविड-19 के कारण राष्ट्र स्तर पर हुए लॉकडाउन के दौरान विकलांग समुदाय के लोगों से बातचीत की.

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