काजल गोस्वामी के लेख

काजल खिचड़ीपुर, दिल्ली में रहती हैं और राजकीय कन्या विद्यालय, कल्याणवास, दिल्ली में ग्यारहवीं कक्षा की छात्रा है. वे अंकुर कलेक्टिव की नियमित रियाजकर्ता है.

डर

मैं उठते ही पलंग पर बैठ गई. बालों में रबड़बैंड लगाते हुए ज़मीन पर खड़ी हो गई. शाम के छह बज रहे थे. कान बंद होने के कारण बाहर से आती हुई आवाज़ें धीमी सुनाई दे रही थीं. नाक में कफ़ जमा होने की वजह से मुंह से सांस लेने पर गला एकदम सूख रहा था.

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