खुशी बानो के लेख

खुशी बानो, सद्भावना ट्रस्ट, लखनऊ से जुड़ी हैं. साथ ही वे द थर्ड आई के लर्निंग लैब कार्यक्रम का भी हिस्सा हैं.

होने, न होने के बीच

सोशल मीडिया पर हम जैसे दिखाई देते हैं क्या असल में हम वही होते हैं? सोशल मीडिया पर क्या कितना दिखाना है कितना नहीं? क्या दिखाना है, क्या नहीं इससे हमारे खुद के बारे में क्या पता चलता है?

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