साझेदारी

मेरा चश्मा, मेरे रूल्स

टीटीई X पार्टनर्स फॉर लॉ इन डेवलपमेंट

मेरा चश्मा, मेरे रूल्स

पीएलडी की मदद से हमारी मुलाकात बिहार, झारखंड, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश राज्यों से 18 से 20 साल की 4 लड़कियों से हुई. अलग-अलग सामाजिक और पारिवारिक परिवेश से आने वाली ये लड़कियां एक साझा मंच पर किशोरावस्था के अपने अनुभवों को साझा कर रही हैं जो कभी-कभार ही हमारी पॉलिसी का हिस्सा बनते हैं.

पीएलडी के नेशनल कोलिशन एडवोकेटिंग फॉर एडोलसेंट कंसर्नस (एनसीएएसी) द्वारा मई 2022 में आयोजित एक निबंध प्रतियोगिता ‘मेरे सपने’ के ज़रिए इन लड़कियों का चयन किया था. इस निबंध प्रतियोगिता का मकसद यह था कि 15 से 25 साल तक की युवा लड़कियां परिवार, समुदाय, राज्य या अन्य किसी ऐसे आधिकारिक संस्थान को लिखें जिसपर उन्हें विश्वास है कि उनके सपने पूरे करने में मददगार हो सकता है. मुस्कान, शौम्या, साहिबा और शुभांगनी ने इस प्रतियोगिता में भाग लिया था. यह पॉडकास्ट सीरीज़ उनसे उनकी ज़िंदगी के अनुभवों को जानने और उनके नज़रीए से बातों को समझने से निकली है.

इन युवा लड़कियों की आवाज़ें आप यहां सुन सकते हैं:

मेरा चश्मा, मेरे रूल्स: एपिसोड 1 मेरी सुरक्षित जगह कहां है?
मेरा चश्मा, मेरे नियम: एपिसोड 2 मैं कब बड़ी हुई?​
मेरा चश्मा, मेरे नियम: एपिसोड 3 ये दिल दीवाना भी और गुस्सा भी​

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