फील्ड से कहानियां

बोलती कहानियां: हेकड़ी

बोलती कहानियां के इस नए 6वें एपिसोड में दिप्ता भोग से सुनिए लेखक विजयदान देथा की कहानी हेकड़ी. यह कहानी उनके संग्रह ‘बातां री फुलवाड़ी’ के हिंदी अनुवाद से ली गई है जिसके प्रकाशक राजस्थानी ग्रंथागार हैं.

बोलती कहानियां: दाई

बोलती कहानियां के इस नए एपिसोड में सुनिए लेखक हरीश मंगल की कहानी का हिन्दी अनुवाद – दाई. दाई कहानी की मुख्य किरदार हैं- बेनी मां, जो आम तो बेचती ही हैं, साथ ही वे दाई के काम में भी बहुत कुशल हैं.

बोलती कहानियां: तुम किसकी हो बिन्नी

बोलती कहानियां के इस नए एपिसोड में स्वाती कश्यप से सुनिए सुप्रसिद्ध लेखक मैत्रयी पुष्पा की कहानी ‘तुम किसकी हो बिन्नी’ का भावात्मक रूपांतरण. दो लड़कियों के पैदा होने के बाद जब बिन्नी की मां तीसरी बार गर्भवती हुईं तो सबको पक्का यकीन था कि इस बार लड़का ही होगा, मगर हो गई बिन्नी! उसके बाद क्या हुआ सुनें इस कहानी में.

बोलती कहानियां: आटे सने हाथ

अनीता ज़मीन से जुड़े मुद्दों की कहानियां फ़ील्ड के बारास्ते हमारे लिए लेकर आती हैं. इस ऑडियो प्रस्तुति के तीसरे एपिसोड में आइए सुनते हैं – आटे सने हाथ. शिक्षा का अधिकार सबको है मगर एक लड़की को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए क्या-क्या मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं? आइए मिलकर इस कहानी के ज़रिए जानते हैं.

बोलती कहानियां: बेटा किसका?

बोलती कहानियां में अनीता हमारे लिए फील्ड से कहानियां और चर्चाएं लेकर आती हैं. इस एपिसोड में आइए सुनते हैं ‘बेटा किसका?’ और जानते हैं कि इस सवाल पर कैसे वीरमति ने सबकी बोलती बंद की.

रोटी बनाए टंटू

बोलती कहानियां: रोटी बनाए टंटू

जहां अनीता हमारे लिए फील्ड से कहानियां और चर्चाएं लेकर आती हैं. कहानियां, जो निरंतर की ‘आपका पिटारा’ पत्रिका में छापी गईं और फील्ड में काफी सुनी और सुनाई गईं.

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