नारीवादी शिक्षा

दुनिया रोज़ बनती है

कोविड की दूसरी लहर के दौरान लोग न केवल बीमारी से परेशान थे बल्कि भूख, ग़रीबी, बेरोज़गारी से बेहाल वे अनाज के एक-एक दाने के लिए तड़प रहे थे. हाशिए पर रह रहे लोगों के लिए यह दोहरी मार है. मनीषा ने बाकि साथियों के साथ मिलकर द थर्ड आई रिलीफ़ वर्क के ज़रिए फलौदी गांव के कई इलाकों में घूम-घूम कर अनाज बांटने का काम किया ताकि लोगों को थोड़ी राहत मिल सके.

नारीवादी शिक्षा क्या है? आइए समझें.

देश के 25 लोग हमें बता रहे हैं कि वे कैसा महसूस करते हैं, क्या सोचते हैं, उन्हें क्या ध्यान आता है जब वे इन दो शब्दों को एक साथ सुनते हैं: नारीवादी शिक्षा.

टीचर टॉक्स: बिदिशा

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ऐश्वर्या रेड्डी के दुखद देहांत ने, खासकर शिक्षा के संदर्भ में, भारत में मौजूद दो अलग-अलग दुनियाओं की डिजिटल तक पहुंच के फर्क को उजागर किया है.

टीचर टॉक्स 3

टीचर टॉक्स, भाग 3

भाग 3 में हम मिल रहे हैं टीच फॉर इंडिया की फेलो, मुम्बई में रहने वाली फ्रेया से जिन्होंने महसूस किया कि उनके BMC स्कूल छात्र कुछ सीख सकें इससे पहले उन्हें खाना खाने की ज़रुरत है.

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