कितकित
कितकित का खेल. सब आंखें तुम पर टिकी हैं. और तुम खड़े हो एक खाने के बीच, एक टांग पर. झुककर उठाते हुए गोटी. कंगारू की छलांग. टक, टक, टक. अपने आप को गिरने मत देना, झुको, उठाओ गोटी, और फिर से लौट जाओ, जहां से शुरुआत की थी.
द थर्ड आई होम » लेखक - अभिषेक अनिक्का
कितकित का खेल. सब आंखें तुम पर टिकी हैं. और तुम खड़े हो एक खाने के बीच, एक टांग पर. झुककर उठाते हुए गोटी. कंगारू की छलांग. टक, टक, टक. अपने आप को गिरने मत देना, झुको, उठाओ गोटी, और फिर से लौट जाओ, जहां से शुरुआत की थी.