नसरीन की छत – भाग 2
नसरीन की छत के दूसरे अफसाने में मिलते हैं कोलकाता की छत और एक दोस्त टीना से. ये दोनों नसरीन के लिए शहर को जानने का रास्ता बनती हैं लेकिन यहां सुकून नहीं है, यहां हैं तो बस दिल्ली की यादें.
द थर्ड आई होम » लेखक - नसरीन
नसरीन की छत के दूसरे अफसाने में मिलते हैं कोलकाता की छत और एक दोस्त टीना से. ये दोनों नसरीन के लिए शहर को जानने का रास्ता बनती हैं लेकिन यहां सुकून नहीं है, यहां हैं तो बस दिल्ली की यादें.
ये पुरानी दिल्ली की छत से दुनिया को नापने की ख्वाहिश रखती एक लड़की का किस्सा है. नसरीन की ख्वाहिशें दुनिया के ओर-छोर को पकड़ लेने की हैं. 20 साल की नसरीन, दिल्ली शहर को अपनी छत से देख रही है क्योंकि पूरे शहर में यही वो एक जगह है जो उसे अपनी लगती है, जहां वो कभी भी आ-जा सकती है.
20 साल की नसरीन, दिल्ली शहर को अपनी छत से देख रही है क्योंकि पूरे शहर में यही वो एक जगह है जो उसे अपनी लगती है, जहां वो कभी भी आ-जा सकती है. जिस महानगर में सांप की तरह तेज़ी से भागती मेट्रो मिनटों में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा देती है, वहीं नसरीन के लिए उसका शहर उसकी पहुंच से बहुत दूर है.