शरण्या दीपक के लेख

शरण्या दीपक लेखक एवं संपादक हैं. उनके लेखन के मुख्य विषयों में खान-पान, भाषा एवं संस्कृति के आधुनिकीकरण से जुड़े विषय शामिल हैं. फ़िलहाल वे इन विषयों पर निबंध अधिक लिख रही हैं. उनके लेख कई प्रतिष्ठित भारतीय एवं अंतर्राष्ट्रीय वेबपत्रिकाओं में प्रकाशित हो चुके हैं. जैसे, वाइस, ईटर, विटल्स लंदन, एटलस ऑब्स्कुरा, लॉन्ग्रेड्स, रोड्स एंड किंगडम्स, फिफ्टी टू, द बैफलर और अन्य. शरण्या, पश्चिमी यूरोप और उत्तरी अमरीका के बाहर के लेखकों और कलाकारों के समूह ‘मंगल मीडिया’ में बतौर संपादक भी जुड़ी हुई हैं. अक्टूबर 2020 में, उन्हें अपने निबंध "सीमलेस" के लिए वासाफिरी नव लेखन पुरस्कार से सम्मानित किया गया था. वर्तमान में वह सेरेन्डिपिटी आर्ट्स फाउंडेशन 2021 की रेज़िडेंट फेलो हैं. शरण्या फ़िलहाल नई दिल्ली में रहती हैं.

मोमो वाली आंटी!

दिल्ली की गर्मी के थपेड़े चेहरों की नमी नोच रहे हैं पर इस भीषण मौसम को दरकिनार करते हुए ‘डोलमा आंटी मोमो’ की दुकान के आगे ग्राहकों की भूखी भीड़ एक प्लेट मोमो हासिल करने के लिए डटी हुई है. दुकान का नामकरण डोलमा सेरिंग के नाम पर हुआ है, जिन्हें प्यार से सब आंटी डोलमा बुलाते हैं.

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