सुबश्री कृष्णन के लेख

सुबश्री एक डॉक्यूमेंट्री फिल्ममेकर हैं. उनकी चर्चित फिल्मों में दक्षिण-पूर्व एशिया में इंटरनेट सेंसरशिप पर बनी फिल्म ‘ब्रेव न्यू मीडियम’, पहचान की राजनीति पर आधारित फिल्म ‘दिस और दैट पर्टिकुलर पर्सन‘, स्मृतियों पर आधारित ‘वॉट द फील्ड रिमेम्बर्स’ शामिल हैं. वर्तमान में वे असम में नागरिकता संशोधन कानून के लागू किए जाने एवं उसके आधार पर वहां के निवासियों के साथ होने वाले व्यवहार को अपने कैमरे के ज़रिए अपनी नई डॉक्यूमेंट्री फिल्म में कैद करने में जुटी हुई हैं. सुबश्री, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ ह्यूमन सेटलमेंट्स (IIHS) के मीडिया लैब से भी जुड़ी हैं और उनके लिए अर्बन लेंस फिल्म फेस्टिवल का आयोजन करती हैं.

शहर और सिनेमा

शहर के बनने और लगातार बढ़ने के परिदृश्यों और कारकों को डॉक्यूमेंट्री फिल्मों ने समय-समय पर अपने कैमरे में कैद करने की कोशिश की है. इस विषय से जुड़ी फिल्मों को किसी एक लिस्ट में समेट पाना बहुत ही मुश्किल काम है. इस सूची के ज़रिए हमारा मकसद सिनेमा और शहर पर एक सार्थक बातचीत की शुरुआत करना है.

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