निरंतर रेडियो

फ से फील्ड, श से शिक्षा

“फ से फ़ील्ड, श से शिक्षा”  भारत के ग्रामीण इलाकों से निकले, शिक्षा के अनुभव और उनमें कल्पनाओं के पंख लगाए 10 कहानियों की यह ऑडियो शृंखला अब आपके सामने है. इस शृंखला की हर कहानी अपने आप में शिक्षा के अनुभवों और उन्हें देखने के नज़रिए से बिलकुल जुदा है. वहीं शिक्षा को आधार बनाकर जाति, यौनिकता, स्वास्थ्य और तकनीक से उसके जुड़ाव को भी अलग तरह से देखने की कोशिश करती है. ये कहानियां सवाल करती हैं कि क्लासरूम के बाहर हम शिक्षा को कैसे देखते हैं? और उससे भी महत्त्वपूर्ण कि शिक्षा तक पहुंच किसकी है?  

एपिसोड 4
उसने अभी-अभी कोलेज की परीक्षा पास की है. इससे पहले की वो आगे की पढ़ाई के बारे में सोच पाता, परिवार वालों ने उसकी शादी तय करने का फैसला कर लिया. अचानक अपनी ज़िन्दगी में आई इस परेशानी से वो युवा लड़का बहुत बेचैन हो उठा. अभी उसकी उम्र ही क्या है, वो अभी शादी नहीं करना चाहता. निराशा और घबराहट के बीच उसने अपनी हिम्मत बटोर कर अपने घरवालों से कहा - क्या? जानने के लिए सुनिए अज़फरूल की पूरी कहानी. 
एपिसोड 3
अचूकी से तो आप मिल ही चुके हैं. हैरत की बात यह है कि उसके मारवाड़ी समुदाय के लोग हमेशा उसके पीछे पड़े रहते हैं. वे अक्सर उसकी मां के कम पढ़े-लिखे होने का मज़ाक बनाते हैं. अपने सपनों और इच्छाओं को पूरा करने की उसकी ज़िद के लिए वे अचूकी की भी टांग-खिंचाई करते रहते हैं.
एपिसोड 2
अपनी धारदार हाज़िर-जवाबी और अविराम बोलते रहने की ज़बरदस्त कला के ज़रिए अचूकी अपने नाम को सार्थक बनाती है. जितना उत्साह उसके भीतर अपनी कहानियों को लेकर दिखाई देता है, ठीक उसके उलट अपने मारवाड़ी बनिया समुदाय के बारे में बात करते हुए वह किसी अबूझ पहेली की तरह उलझी नज़र आती है.
एपिसोड 1
इस एपिसोड में सुनते है खुशी को. दूसरों की ज़िन्दगी में टांग लड़ाना अक्सर लोगों का फेवरेट टाइम पास होता है. यूं कह लें कि सबसे पसंदीदा काम. खुशी के लिए भी यह नई बात नहीं थी कि लखनऊ की गलियों में राह चलते कोई उसे टोककर सवाल कर दे. पर, एक सवाल ऐसा था जो हर बार उसके दिलो-दिमाग को हिला कर रख देता.
एपिसोड 0
“फ से फ़िल्ड, श से शिक्षा”  भारत के ग्रामीण इलाकों से निकले, शिक्षा के अनुभव और उनमें कल्पनाओं के पंख लगाए 10 कहानियों की यह ऑडियो शृंखला अब आपके सामने है. इस शृंखला की हर कहानी अपने आप में शिक्षा के अनुभवों और उन्हें देखने के नज़रिए से बिलकुल जुदा है.
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