डिजिटल भारत

हॉस्टल डायरी

जोधपुर में समाज के हॉस्टल सिर्फ़ लड़कों के लिए क्यों हैं? हॉस्टल के अंदर इतना अकेलापन क्यों है? क्या अच्छा लड़का होना एक दिन के लिए छोड़ा जा सकता है? लर्निंग लैब के तहत होने वाले ‘मंडे अड्डा’ में ऐसे कई सवालों को खोलते-खोलते यह हॉस्टल डायरी जितना विकास को चकित कर रही थी, उतना ही यह हमारे भीतर की उत्सुकता को भी जगा रही थी.

डिजिटल भला ये है क्या?

“डिजिटल, भला ये है क्या?”

डिजिटल इंडिया के संवाद में हम ‘किसी को भी पीछे न छोड़ने’ की शपथ लेते तो हैं, मगर इस डिजिटल युग में सत्ता तक पहुंच किसकी है?

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