अंक 006: मज़ा और खतरा

इस संस्करण के ज़रिए हम मानवीय अनुभवों को समझने और देखने का प्रयास कर रहे हैं – खासकर हमारी इच्छाएं, यौनिकता, सेक्स, शरीर, उम्र, हिंसा, भूख और प्यास जो आपस में एक-दूसरे से टकराते हैं – इन्हें हम अवचेतन की नज़र से देखने की कोशिश करेंगे.

अवचेतन और यौनिकता शृंखला l भाग 4: यमी-यकी

चौथे भाग में नारीवादी कार्यकर्ता और लेखक जया शर्मा अपने विश्लेषण के ज़रिए बता रही हैं कि कैसे हमारी सबसे अजीबोगरीब यौन कल्पनाएं हर तरह के तर्क के बिल्कुल खिलाफ होती हैं और फिर भी हमें ये समझ आती हैं. जया, यहां मनोविश्लेषण पर नारीवादी दृष्टिकोण का भी गहराई से चिंतन करती हैं.

कहानी खरगोश

खरगोश

लेखक प्रियंवद की कहानी ‘खरगोश’ कामना के भंवर में उपजे तनावों की कहानी है तो वहीं एक किशोर मन में उपजी सैकड़ों भावनाओं की कहानी भी है. एक कस्बाई शहर की गलियां, गंध, धूप, छत, सीढ़ियों और उसके रिदम में बंटू, बंटू के अविनीश भाई और अविनीश भाई की मृत्यु- खरगोश इन्हीं किरदारों के इर्ग-गिर्द घूमती है.

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: मशीन ही तो है

इंसानी चाहतें और मशीनी आवाज़ के बीच एक अदद वाइब्रेटर! कौन किसके लिए? मज़ा और खतरा के इस आखिरी एपिसोड में मिलिए मैक्सी और उसके वाइब्रेटर से! साथ में टॉम की आवाज़ को न भूलें!

LGBTQIA+

“एलजीबीटी लोगों पर किस देश का कानून लागू होता है?”

क्वीयरबीट के संस्थापक बता रहे हैं कि मीडिया संस्थानों खासकर हिंदी मीडिया में LGBTQIA+ पहचानों को लेकर किस तरह के छिपे और ज़ाहिर पक्षपात देखने को मिलते हैं.

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: टीस

“कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात। भरे भौन मैं करत हैं, नैननु ही सब बात।।”

इस कहानी मे हल्की खुमारी है, वो जो हो सकता था पर हुआ नही. पर वो ऐसा है जो चुपके-चुपके होता भी रहा. ये कैसा इश्क है भला?

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: उपन्यास

किताबें बहुत सी पढ़ी होंगी तुमने, मगर कोई चेहरा भी तुमने पढ़ा है? लक्की ने जब पढ़ने की कोशिश की तो हवाएं थम सी गईं, पृथ्वी ने घूमना बंद कर दिया… क्या आपके साथ भी ऐसा हुआ है?

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: गुड टच बैड टच

किसी के हल्का सा छू लेने भर से सामने वाले की इंटेंशन को समझ लेना लड़कियों के भीतर ‘गॉड गिफ्टेड’ क्वालिटी है. विधि के लिए अब टाइम था इसे इस्तेमाल करने का क्योंकि अयान ने उसे घर बुलाया है. आखिर विधि को अयान के बारे में क्या पता चला?

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: पहली रात

शादी के बाद पहली रात। एक तरफ नींद की खुमारी तो दूसरी तरफ बात करने की बेचैनी. इन दोनों के बीच वो सब कुछ जो शादी की पहली रात अपने भीतर समेटे होती है. आखिर पहला कदम कौन बढ़ाए?!