महिला प्रवासी

बेबी हालदार के साथ एक बातचीत

साल 2002 बहुत सारी घटनाओं के लिए इतिहास में दर्ज है. उन्हीं में से एक असाधारण घटना थी ‘आलो आंधारि’ किताब का प्रकाशन. इस किताब के शब्दों ने घरेलू कामगारों के साथ होने वाली हिंसा और गरीबी में डूबी एक ऐसी दुनिया का दरवाज़ा खोलने का काम किया जिसके बारे में शायद ही कभी कोई बात होती थी.

घर अभी दूर है

घर अभी दूर है

चंबल मीडिया के सहयोग से हम लेकर आए हैं ‘लिटिल फ़िल्म शृंखला’. यह शृंखला हर दिखाई देने वाली चीज़ का दूसरा पहलू तलाशती है.

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