जिस महानगर में सांप की तरह तेज़ी से भागती मेट्रो मिनटों में एक जगह से दूसरी जगह पहुंचा देती है, वहीं नसरीन के लिए उसका शहर उसकी पहुंच से बहुत दूर है. उसके कई कोने उसके लिए लगभग अंजान हैं. हां, उसे जामा मस्जिद के बारे में मालूम है क्योंकि वो उसकी छत से दिखाई देती है.
कैसा होता है अपने शहर को इस तरह देखना और समझना? पुरानी दिल्ली की उस छत से उसका क्या रिश्ता है जहां रह-रह कर उसे कोलकाता की याद आती है? कैसा है नसरीन की आंखों में ये शहर-ए-दिल्ली? सुनें खुद नसरीन की ज़ुबानी.
नसरीन, द थर्ड आई सिटी संस्करण के ‘ट्रैवल लोग’ का हिस्सा हैं. शहर को देखने की हमारी इस यात्रा का एक बड़ा हिस्सा हमारे 13 ट्रैवल लोग हैं जिनके ज़रिए हम भारत के अलग-अलग कोने से शहरों, कस्बों और गांवों के उनके अनुभवों एवं नज़रियों को जानने और समझने की कोशिश कर रहे हैं.
फिलहाल 12 वीं की परीक्षा में मशगूल नसरीन की दुनिया – दिल्ली और कोलकाता – दो महानगरों के बीच में घूम रही है. ट्रैवल राइटिंग फेलोशिप के ज़रिए नसरीन हमारा हाथ पकड़कर हमें अपनी दुनिया में लेकर जाती हैं.
लेखक: नसरीन
एडिटर: माधुरी आडवाणी
मेंटर: शिवम रस्तोगी और माधुरी आडवाणी
आवरण: सुतनू पाणिग्रही


