निरंतर रेडियो

पॉडकास्ट

यहां हम आवाज़ का सहारा लेते हुए पॉडकास्ट, कहानियां, किस्से और बातें रेडियो पर लाते हैं. ये रोज़मर्रा के अनुभव हमारे आस पास से लेकर सामाजिक नीतियों तक को समझने में मदद करते हैं. ये संवाद जेंडर और पितृसत्ता पर ठोस समझ बनाने का प्रयास हैं.

एपिसोड 3
एकल इन द सिटी के इस तीसरे एपिसोड में मिलिए अनु से जो छत पर बने अपने कमरे से हमारा परिचय करवाती हैं. आज से करीब 76 साल पहले वर्जिनिया वुल्फ ने अपने लेख ‘अ रूम ऑफ़ वन्स ओन’ में लिखा था कि रचनात्मक रचने के लिए लड़कियों और महिलाओं के पास अपना एक कमरा होना चाहिए. किसे पता था कि अजमेर जिले के केकड़ी गांव में 31 साल की अनु उस ‘अपना एक कमरा’ को इतने सम्मान के साथ चरितार्थ कर रही होगी.    
एपिसोड 2
एकल इन द सिटी के दूसरे एपिसोड में माधुरी की मुलाक़ात उत्तर-प्रदेश में रहने वाली दो एकल महिलाओं से होती है. 27 वर्षीय सीमा, बांदा की रहने वाली हैं. वे पेशे से पत्रकार हैं और एक हिंदी डिजिटल न्यूज़ चैनल - भारत 1 न्यूज़ - के साथ काम करती हैं, वहीं 28 साल की शब्बो, बुंदेलखंड स्थित महिला अधिकार समूह 'वनांगना' की कार्यकर्ता हैं.
एपिसोड 3
पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना-सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं.
एपिसोड 1
महानगरों या बड़े शहरों से दूर किसी सुदूर इलाके में एकल महिला होने के क्या अर्थ हैं? शहरों की रुमानियत से दूर ऐसी जगहों पर एक महिला के अकेले रहने के अनुभव कैसे होते हैं? कोई एकल क्यों होता है? कौन से शब्द हैं जो इसे परिभाषित करते हैं? क्या यह संपूर्ण जीवन है या जीवन का एक हिस्सा?  
एपिसोड 2
एक शहर में जाने कितने क़िस्से होते हैं! कुछ क़िस्से हममें होते हैं और कुछ क़िस्सों में हम होते हैं. पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना-सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को पटनहिया अंदाज में सजाकर हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं.
एपिसोड 1
पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं.
एपिसोड 3
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में अनीता से सुनिए कहानी 'आटे सने हाथ '. शिक्षा का अधिकार सबको है मगर एक लड़की को अपनी पढ़ाई पूरी करने के लिए क्या-क्या मुश्किलें झेलनी पड़ सकती हैं? आइए मिलकर इस कहानी के ज़रिए जानते हैं.
महामारी की वजह से जब हमारे थियेटरों पर ताले जड़ गए तो हमने उनकी याद में अपने को 1920X1080 के टीवी स्क्रीन में समेट पर ऑनलाइन डिजिटल फ़िल्मों और सीरियलों में ख़ुद को डुबो लिया.
एपिसोड 2
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में अनीता से सुनिए कहानी 'बेटा किसका?' और जानें कि जब वीरमति से ये सवाल पूछा गया तो कैसे उसने सबकी बोलती बंद की.
एपिसोड 1
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में अनीता से सुनिए कहानी ‘रोटी बनाए टंटू’ और जानें क्या होता है जब पति और पत्नी एक दिन के लिए अपनी ज़िम्मेदारियों की अदला-बदली कर लेते हैं.
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