निरंतर रेडियो

पॉडकास्ट

यहां हम आवाज़ का सहारा लेते हुए पॉडकास्ट, कहानियां, किस्से और बातें रेडियो पर लाते हैं. ये रोज़मर्रा के अनुभव हमारे आस पास से लेकर सामाजिक नीतियों तक को समझने में मदद करते हैं. ये संवाद जेंडर और पितृसत्ता पर ठोस समझ बनाने का प्रयास हैं.

एपिसोड 1
इस एपिसोड में सुनते है खुशी को. दूसरों की ज़िन्दगी में टांग लड़ाना अक्सर लोगों का फेवरेट टाइम पास होता है. यूं कह लें कि सबसे पसंदीदा काम. खुशी के लिए भी यह नई बात नहीं थी कि लखनऊ की गलियों में राह चलते कोई उसे टोककर सवाल कर दे. पर, एक सवाल ऐसा था जो हर बार उसके दिलो-दिमाग को हिला कर रख देता.
एपिसोड 0
“फ से फ़िल्ड, श से शिक्षा”  भारत के ग्रामीण इलाकों से निकले, शिक्षा के अनुभव और उनमें कल्पनाओं के पंख लगाए 10 कहानियों की यह ऑडियो शृंखला अब आपके सामने है. इस शृंखला की हर कहानी अपने आप में शिक्षा के अनुभवों और उन्हें देखने के नज़रिए से बिलकुल जुदा है.
एपिसोड 1
मानसिक स्वास्थ्य के तयशुदा खांचे से बाहर निकल, उसे आपबीती और जगबीती के अनुभवों एवं कहानियों के चश्मे से समझने की एक महत्वाकांक्षी पहल "मन के मुखौटे" के ज़रिए हम एक बार फ़िर वापस मानसिक स्वास्थ्य की तरफ़ मुड़कर देख रहे हैं. इस पॉडकास्ट सीरीज़ के नए एपिसोड में हम देखभाल से जुड़े मुद्दों पर सवालों और अनुभवों के ज़रिए इसे समझने का प्रयास कर रहे हैं.  
एपिसोड 5
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में स्वाती कश्यप से सुनिए लेखक हरीश मंगल की कहानी ‘बेनी मां’ का हिंदी अनुवाद. इस कहानी की मुख्य किरदार हैं बेनी मां, जो आम तो बेचती ही हैं, साथ ही वे दाई के काम में भी बहुत कुशल हैं. पर, बेनी मां की ये कुशलता भी उन्हें गांववालों के साथ खड़े होने की जगह नहीं देती. क्यों?
एपिसोड 4
अपने ही रंग में नहाऊं मैं तो, अपने ही संग मैं गाऊं. एक सवाल - वे महिलाएं जिन्होंने अपनी मर्ज़ी से अपने पति को छोड़ दिया है, उनके लिए हिंदी, अंग्रेज़ी या किसी भी भाषा में कौन सा शब्द है? अगर, आपको नहीं पता तो हम बताते हैं -एमएनटी (MNT) - मी नवराएला टाकले - यानी, मैंने पति को छोड़ा!
मीना, एनी और नयनतारा – सेंट एग्निस कॉलेज में पढ़ने वाली तीन लड़कियां, तीन दोस्त – जो दुनिया को अपने कंधे पर उठाए नाचती फिरती हैं. वे दुनिया पर राज करती हैं, कम से कम अपने कॉलेज पर तो ज़रूर करती हैं! वे कॉलेज फेस्टिवल्स की जान हैं. डांस में उनका कोई सानी नहीं. 
एपिसोड 4
बोलती कहानियां के इस नए एपिसोड में स्वाती कश्यप से सुनिए मैत्रयी पुष्पा की कहानी ‘तुम किसकी हो बिन्नी’ का भावात्मक रूपांतरण. दो लड़कियों के पैदा होने के बाद जब बिन्नी की मां तीसरी बार गर्भवती हुईं तो सबको पक्का यकीन था कि इस बार लड़का ही होगा, मगर हो गई बिन्नी! उसके बाद क्या हुआ सुनें इस कहानी में.
एपिसोड 3
एकल इन द सिटी के इस तीसरे एपिसोड में मिलिए अनु से जो छत पर बने अपने कमरे से हमारा परिचय करवाती हैं. आज से करीब 76 साल पहले वर्जिनिया वुल्फ ने अपने लेख ‘अ रूम ऑफ़ वन्स ओन’ में लिखा था कि रचनात्मक रचने के लिए लड़कियों और महिलाओं के पास अपना एक कमरा होना चाहिए. किसे पता था कि अजमेर जिले के केकड़ी गांव में 31 साल की अनु उस ‘अपना एक कमरा’ को इतने सम्मान के साथ चरितार्थ कर रही होगी.    
नसरीन की छत के दूसरे अफसाने में मिलते हैं कोलकाता की छत और एक दोस्त टीना से. ये दोनों नसरीन के लिए शहर को जानने का रास्ता बनती हैं लेकिन यहां सुकून नहीं है, यहां हैं तो बस दिल्ली की यादें.
ये पुरानी दिल्ली की छत से दुनिया को नापने की ख्वाहिश रखती एक लड़की का किस्सा है. नसरीन की ख्वाहिशें दुनिया के ओर-छोर को पकड़ लेने की हैं. 20 साल की नसरीन, दिल्ली शहर को अपनी छत से देख रही है क्योंकि पूरे शहर में यही वो एक जगह है जो उसे अपनी लगती है, जहां वो कभी भी आ-जा सकती है.
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