
बोलती कहानियां: हेकड़ी
बोलती कहानियां के इस नए 6वें एपिसोड में दिप्ता भोग से सुनिए लेखक विजयदान देथा की कहानी हेकड़ी. यह कहानी उनके संग्रह ‘बातां री फुलवाड़ी’ के हिंदी अनुवाद से ली गई है जिसके प्रकाशक राजस्थानी ग्रंथागार हैं.
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बोलती कहानियां के इस नए 6वें एपिसोड में दिप्ता भोग से सुनिए लेखक विजयदान देथा की कहानी हेकड़ी. यह कहानी उनके संग्रह ‘बातां री फुलवाड़ी’ के हिंदी अनुवाद से ली गई है जिसके प्रकाशक राजस्थानी ग्रंथागार हैं.
बोलती कहानियां के इस नए एपिसोड में सुनिए लेखक हरीश मंगल की कहानी का हिन्दी अनुवाद – दाई. दाई कहानी की मुख्य किरदार हैं- बेनी मां, जो आम तो बेचती ही हैं, साथ ही वे दाई के काम में भी बहुत कुशल हैं.
स्वास्थ्य सेवाओं के भीतर छूत-अछूत का मसला ही नहीं जेंडर भी यहां अपना रंग दिखाता है। ज़्यादातर नर्स महिलाएं हैं और इसके कारण कई तरह की जाति और जेंडर से जुड़ी दर्जाबंदी साफ़ दिखाई देती है।