लव, सेक्स और क्लासरूम
पढ़ाई के दौरान हमें पांच बार फोटोसिंथेसिस के बारे में पढ़ना पड़ा. छठी क्लास से ग्यारहवीं तक हर साल लगातार मैं उसकी परिभाषा भूल जाता था इसलिए मुझे फिर से रटना पड़ता था, बावजूद इसके कि फोटोसिंथेसिस का मतलब मैं अच्छे से समझता था. इसी तरह हर साल मुझे बार-बार सीखना पड़ता था कि मेरी क्लास के लड़के दूर से ही मेरी हकीकत सूंघ लेते थे.