क्लासरूम

लव, सेक्स और क्‍लासरूम

पढ़ाई के दौरान हमें पांच बार फोटोसिंथेसिस के बारे में पढ़ना पड़ा. छठी क्लास से ग्यारहवीं तक हर साल लगातार मैं उसकी परिभाषा भूल जाता था इसलिए मुझे फिर से रटना पड़ता था, बावजूद इसके कि फोटोसिंथेसिस का मतलब मैं अच्छे से समझता था. इसी तरह हर साल मुझे बार-बार सीखना पड़ता था कि मेरी क्‍लास के लड़के दूर से ही मेरी हकीकत सूंघ लेते थे.

शहर की सड़कों पर परचम फहराती लड़कियां

कोंकणी में हम एक कहावत का इस्तेमाल करते हैं, ‘वह शहर में इतना ज़्यादा घूमी कि उसने गर्दा उड़ा दिया.’ कॉलेज से ग़ायब होने, किसी लड़के की बाइक पर उसके पीछे बैठने और शहर में घूमने पर हमारी मांएं हमें शर्मिंदा करने के लिए यह कहा करती थीं. मैंने इस कहावत के बारे में अक्सर सोचा है.

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