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देश छूटा लेकिन जाति नहीं छूटी, जातिवाद नहीं छूटा, जाति के नाम पर भेदभाव की फितरत नहीं छूटी
सन् 2018 में, आईआईटी मुम्बई में माधवी ने एपीपीएससी की सदस्यता ली थी. वे सर्किल की गिनीचुनी महिला सदस्यों में से एक थीं. अभी वे पीएचडी कर रही हैं. वे समूह में शामिल हुईं क्योंकि अपने बीए के दिनों की तरह यहां भी कैंपस ऐक्टिविज़्म का हिस्सा बने रहना चाहती थीं…