बोलती कहानियां Ep 6: हेकड़ी
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में दिप्ता भोग से सुनिए लेखक विजयदान देथा की कहानी ‘हेकड़ी’. यह कहानी उनके संग्रह ‘बातां री फुलवाड़ी’ के हिंदी अनुवाद से ली गई है जिसके प्रकाशक राजस्थान ग्रंथागार हैं.
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बोलती कहानियां के इस एपिसोड में दिप्ता भोग से सुनिए लेखक विजयदान देथा की कहानी ‘हेकड़ी’. यह कहानी उनके संग्रह ‘बातां री फुलवाड़ी’ के हिंदी अनुवाद से ली गई है जिसके प्रकाशक राजस्थान ग्रंथागार हैं.
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में स्वाती कश्यप से सुनिए लेखक हरीश मंगल की कहानी ‘बेनी मां’ का हिंदी अनुवाद – दाई. इस कहानी की मुख्य किरदार हैं बेनी मां, जो आम तो बेचती ही हैं, साथ ही वे दाई के काम में भी बहुत कुशल हैं. पर, बेनी मां की ये कुशलता भी उन्हें गांववालों के साथ खड़े होने की जगह नहीं देती. क्यों?
अपने ही रंग में नहाउं मैं तो अपने ही संग मैं गाउं. एक सवाल, वे महिलाएं जिन्होंने अपनी मर्जी से अपने पति को छोड़ दिया है, उनके लिए हिन्दी, अंग्रेजी या किसी भी भाषा में कौन सा शब्द है? अगर, आपको नहीं पता तो हम बताते हैं -एमएनटी (MNT)—मी नवराएला टाकले —यानि, मैंने पति को छोड़ा!
बोलती कहानियां के इस एपिसोड में अनीता से सुनिए कहानी ‘रोटी बनाए टंटू’ और जानें क्या होता है जब पति और पत्नी एक दिन के लिए अपनी ज़िम्मेदारियों की अदला-बदली कर लेते हैं.
काम या आराम? क्या ये सवाल जेंडर आधारित है? मलयालम फिल्म #TheGreatIndianKitchen आजकल बहुत पसंद की जा रही है. हमने जब इसे देखा तो लगा कि क्यों न हम भी आपके साथ रसोई का एक चक्कर लगा ही लें. तो आइए सुनें हमारी रसोई से ताज़ा ताज़ा बनकर निकली ये कहानी.