अंक 006

मज़ा और खतरा

अवचेतन: यौनिकता को देखने का एक नज़रिया

June 2025
इस संस्करण के ज़रिए हम मानवीय अनुभवों को समझने और देखने का प्रयास कर रहे हैं – खासकर हमारी इच्छाएं, यौनिकता, सेक्स, शरीर, उम्र, हिंसा, भूख और प्यास जो आपस में एक-दूसरे से टकराते हैं – इन्हें हम अवचेतन की नज़र से देखने की कोशिश करेंगे.

नवीनतम पोस्ट

कहानी खरगोश

खरगोश

लेखक प्रियंवद की कहानी ‘खरगोश’ कामना के भंवर में उपजे तनावों की कहानी है तो वहीं एक किशोर मन में...
इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: मशीन ही तो है

इंसानी चाहतें और मशीनी आवाज़ के बीच एक अदद वाइब्रेटर! कौन किसके लिए? मज़ा और खतरा के इस आखिरी एपिसोड...
इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: जंगल

एक जुनूनी शाम और ज़बरदस्त मज़ा… असल में तो यादों के सब जुगनू जंगल में रहते हैं. क्यों है न?...
LGBTQIA+

“एलजीबीटी लोगों पर किस देश का कानून लागू होता है?”

क्वीयरबीट के संस्थापक बता रहे हैं कि मीडिया संस्थानों खासकर हिंदी मीडिया में LGBTQIA+ पहचानों को लेकर किस तरह के...
इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: टीस

“कहत, नटत, रीझत, खिझत, मिलत, खिलत, लजियात। भरे भौन मैं करत हैं, नैननु ही सब बात।।” इस कहानी मे हल्की...
इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: उपन्यास

किताबें बहुत सी पढ़ी होंगी तुमने, मगर कोई चेहरा भी तुमने पढ़ा है? लक्की ने जब पढ़ने की कोशिश की...