फ से फील्ड, श से शिक्षा Ep 8: हॉस्टल डायरी – निधि हैज़ एकसेप्टेड योर फ्रेंड रिक्वेस्ट
‘ये इश्क नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है’. इश्क मजाज़ी, इश्क मजनूंई कुछ भी कह लिजिए, पर जब चाहतें फ्रेंड रिक्वेस्ट की शक्ल में भेजी जाती हैं और कबूल कर ली जाती हैं तो दिल अपनी कुर्सी से उछल पड़ता है. लेकिन, इस बेपरवाही से उछलने में चोट लगने का डर तो होता ही है! विकास के हॉस्टल डायरी के पन्नों से सुनिए जोधपुर के किस्से जहां एक तरफ हाईक मेसेंजर में इमोजी के ज़रिए इश्क का हाल बताने की बेताबी है तो दूसरी तरफ परिवार-समाज में “अच्छा लड़के” की छवि को बनाए रखने की कशमकश. इस हालत में विकास क्या करे! सुनिए खुद उसकी ज़ुबानी.