इस एपिसोड में अनु, अपने कमरे को एक दोस्त, परिवार के एक सदस्य की तरह देखती हैं. “मैं सुबह 5.30 बजे उठ जाती हूं. मुझे सुबह कटोरी में चाय पीना बहुत अच्छा लगता है. ये मोमेंट मेरी रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में सबसे अहम है.”
क्या आपने कभी सोचा है कि एकल लड़की के लिए चाभी का गुच्छा उसके अस्त्र-शस्त्र हो सकते हैं? कैसा होता है एकल होना? पडोसियों और दूसरे लोगों की नज़र में एकल लड़की या महिला जहां सवालों की लड़ी होती हैं, वहीं खुद के लिए उनके कई सवाल सुलझते जाते हैं. कैसे? आइए इस पॉडकास्ट के ज़रिए अनु के साथ उसकी भावनगरी में घूमते हुए इस गुत्थी के धागे साथ मिलकर खोलते हैं.
आवरण : नंदिनी मोइत्रा
संगीत: भावनगरी, गायन: अनाहिता