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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: गुड टच बैड टच

किसी के हल्का सा छू लेने भर से सामने वाले की इंटेंशन को समझ लेना लड़कियों के भीतर ‘गॉड गिफ्टेड’ क्वालिटी है. विधि के लिए अब टाइम था इसे इस्तेमाल करने का क्योंकि अयान ने उसे घर बुलाया है. आखिर विधि को अयान के बारे में क्या पता चला?

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: पहली रात

शादी के बाद पहली रात। एक तरफ नींद की खुमारी तो दूसरी तरफ बात करने की बेचैनी. इन दोनों के बीच वो सब कुछ जो शादी की पहली रात अपने भीतर समेटे होती है. आखिर पहला कदम कौन बढ़ाए?!

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: शादी

हिन्दुस्तान में शादी होती दो लोगों के बीच है लेकिन शादी के माहौल में न जाने कितने जोड़े बनते हैं, कितने ख्वाब बुने जाते हैं, ख्वाहिशें उड़ानें भरती हैं… पर इनमें से एक भी अगर हकीकत में बदल जाए तो पसीने छूट जाते हैं!

दो पहाड़ों के बीच

जब मैं उस मशहूर हिल स्टेशन के बस स्टैंड पर उतरा, तो मेरे मन में एक ही सवाल घूम रहा था, क्या वह आएगी? बीती रात मैंने उसे कई मैसेजेज़ भेजे थे, आखिर के कुछ मैसेज उसने अभी तक नहीं देखे थे, मतलब उनपर ब्लू टिक नहीं लगा था. रात ढल चुकी थी, लेकिन पौ फटने में अभी वक्त था.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: वहां के बाल

वो 17 साल में पहली बार घर से बाहर दूर किसी जगह एक कैंप में रुकी थी। पहली बार किसी ने बताया कि खुद को आईने में देखो, कैसा लगता है…पहली बार खुद को किस किया!

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: छुपा हुआ रोमांस

रात, शर्म, रोमांस, पानी और क्या? ‘फ से फ़ील्ड, इश्श से इश्क’ ऑडियो सीरीज़ में प्यार, फंतासियां, चाहतें, गुस्सा, मोहब्बतें – ये सबकुछ है. चाहतों, मज़ा और खतरा के अपने-अपने अनुभव जो देश के कोने-कोने से निकले हैं.

क्या कल्पनाओं या फंतासी की भी कोई सही या गलत दिशा होती है?

मैं एकदम देसी, मुस्लिम परिवार में पली-बढ़ी, नई-नई क्वियर हूं, और अब अमेरिका की एक यूनिवर्सिटी में सेक्स पर शोध करती हूं. और ‘सहमति (कंसेंशुअल)’ बिना सहमति (नॉन-कंसेंशुअल) और ‘एक ही बार विवाह करने की प्रथा (मोनोगैमी) जैसे शब्दों तक मेरी भी पहुंच है. मेरे पास विशेषाधिकार है कि मैं अपनी ‘खतरनाक’ यौन इच्छाओं के बारे में लिख सकूं.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: सिंगल बेड

एक कमरा कितना कुछ कहता है, अंदर कौन रहता है… तुम अकेली रहती हो, या किसी के साथ? एक सवाल और हज़ारों कशमकश! अंकिता और रूहानी, कहानी एक सिंगल बेड की….

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: बुल्ली का फोटो

मेरी फोटो को सीने से यार, चिपका ले सैयां फेविकोल से… ट्यूशन सेंटर में चुलबुली लड़कियों के मज़ाक का केंद्र बनते-बनते कब एक लड़की की तस्वीर जेब में पहुंच गई, ये बात ज़ेहान के लिए भी घबराहट का विषय था. अब वो क्या करेगा?

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: मैग्ज़ीन से लेकर सुहागरात तक

मनाही, कामुकता जगाती है. जो चीज़ हमें जितनी मना होती है उसे लेकर उत्सुकता उतनी ही बढ़ जाती है. लेकिन क्या होता है जब अचानक से वो सबकुछ आपको मिल जाए? ‘फ से फ़ील्ड, इश्श से इश्क’ ऑडियो सीरीज़ में प्यार, फंतासियां, चाहतें, गुस्सा, मोहब्बतें – ये सबकुछ है.

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