पॉडकास्ट

इश्क_चाहतें

फ से फील्ड, इश्श से इश्क: वहां के बाल

वो 17 साल में पहली बार घर से बाहर दूर किसी जगह एक कैंप में रुकी थी। पहली बार किसी ने बताया कि खुद को आईने में देखो, कैसा लगता है…पहली बार खुद को किस किया!

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: छुपा हुआ रोमांस

रात, शर्म, रोमांस, पानी और क्या? ‘फ से फ़ील्ड, इश्श से इश्क’ ऑडियो सीरीज़ में प्यार, फंतासियां, चाहतें, गुस्सा, मोहब्बतें – ये सबकुछ है. चाहतों, मज़ा और खतरा के अपने-अपने अनुभव जो देश के कोने-कोने से निकले हैं.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: सिंगल बेड

एक कमरा कितना कुछ कहता है, अंदर कौन रहता है… तुम अकेली रहती हो, या किसी के साथ? एक सवाल और हज़ारों कशमकश! अंकिता और रूहानी, कहानी एक सिंगल बेड की….

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: बुल्ली का फोटो

मेरी फोटो को सीने से यार, चिपका ले सैयां फेविकोल से… ट्यूशन सेंटर में चुलबुली लड़कियों के मज़ाक का केंद्र बनते-बनते कब एक लड़की की तस्वीर जेब में पहुंच गई, ये बात ज़ेहान के लिए भी घबराहट का विषय था. अब वो क्या करेगा?

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: मैग्ज़ीन से लेकर सुहागरात तक

मनाही, कामुकता जगाती है. जो चीज़ हमें जितनी मना होती है उसे लेकर उत्सुकता उतनी ही बढ़ जाती है. लेकिन क्या होता है जब अचानक से वो सबकुछ आपको मिल जाए? ‘फ से फ़ील्ड, इश्श से इश्क’ ऑडियो सीरीज़ में प्यार, फंतासियां, चाहतें, गुस्सा, मोहब्बतें – ये सबकुछ है.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: इस्तेमाल किया हुआ कंडोम

क्या होता है जब बेटी द्वारा बहुत ही खराब तरीके से छुपाई गई चीज़ मां के हाथों में पड़ जाए? थर्रथराहट, सनसनाहट, झनझनाहट…हिंदी टीवी सीरीयल ड्रॉमा को और बढ़ाने के लिए बैकग्राउंड में जो ढैन..ढैन…ढैन…की आवाज़ें आती हैं वो सब आप ईमैजिन कर लीजिए लेकिन ये मामला तो उससे भी ज़्यादा बड़ा है! मामला है क्या? सुनने के लिए जल्दी से प्ले बटन पर क्लिक करें.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: लव बाइट

मम्मी-पापा ठीक ही कहते हैं कि ‘हमें सब पता है ग्रूप स्टडी’ में क्या होता है!’ लेकिन उनको कोई कैसे ये समझाए कि ये उन्हें पता है, हमें थोड़ा न पता है. क्या होता है यही जानने के लिए तो हम साथ मिलकर पढ़ाई करते हैं! उफ्फ! इत्ती सी बात…पर, ये इत्ती सी बात कभी-कभी ज़िंदगी भर का राज़ बन जाती है…जैसा बोधी की इस कहानी में हो रहा है. क्या हो रहा है..? जानने के लिए जल्दी से प्ले बटन पर क्लिक करें.

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फ से फील्ड, इश्श से इश्क: खेल खेल में

बचपन में दोस्तों के बीच खेल-खेल में अचानक से हम कब बड़े हो जाते हैं? वो कौन सा हॉर्मोन है जो अचानक से पूरे शरीर पर तारी हो धड़कनों को किसी बुलेट ट्रेन की तरह तेज़ कर देता है? झारखंड के पाकुर की रहने वाली मैमुना, गणित के प्रत्यक्ष अनुपात के फॉर्मूले की तरह सलीम की धड़कनों को 500 किलोमीटर प्रति मिनट की रफ्तार से तेज़ कर देती है.

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ट्रेलर: फ से फील्ड, इश्श से इश्क

‘फ से फील्ड, इश्श से इश्क’ प्यार, फंतासियां, चाहतें, गुस्सा, मोहब्बतें…इस ऑडियो सीरीज़ में सबकुछ है. चाहतें, मज़ा और खतरा के अपने-अपने अनुभव जो देश के कोने-कोने से निकले हैं. ये कहानियां नारीवादी नज़रिए से यौनिकता को देखने की कोशिश कर रही हैं जिसके केंद्र में हमारा अवचेतन है.

इस्मत चुगताई_कहानी

बोलती कहानियां Ep 9: अमर बेल

एक बड़ी उम्र के आदमी और एक युवा लड़की की बेमेल शादी की कहानी – अमरबेल! इस्मत चुगताई की तीखी नज़र इस कहानी में रिश्तों की बारीकियों, सामाजिक ताने-बाने के दबाव और युवावस्था के साथ बुढ़ापे के टकराव को मार्मिक रूप से दर्शाती है.

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