ग्रामीण भारत में जेंडर आधारित हिंसा पर उनकी लगातार रिपोर्टिंग का प्रभाव है कि कई रिपोर्ट्स के प्रकाशित होने के बाद पुलिस द्वारा उसपर कार्रवाई हुई और पीड़ितों को न्याय मिला. नीतू, पत्रकारिता के क्षेत्र में पिछले 13 साल से अधिक वर्षों से लगातार सक्रिय हैं और कई तरह के पुरस्कार प्राप्त कर चुकी हैं. नीतू को अपनी जेंडर संवेदनशील रिपोर्टिंग के लिए आठ बार ‘लाडली मीडिया अवार्ड’ मिल चुका है और 2020 में उन्हें उत्कृष्ट महिला पत्रकार श्रेणी में ‘चमेली देवी पुरस्कार’ से सम्मानित किया गया.
अक्तूबर 2014 में आयोजित ‘बाथ फ़िल्म फेस्टिवल’ के दौरान पहली बार एफ (F) रेटिंग की शुरुआत हुई. एफ (F) रेटिंग का मतलब उन फ़िल्मों से है जिसकी निर्देशक महिला हों, या फ़िल्म की लेखक महिला हों और अगर कोई महिला मुख्य किरदार की भूमिका में भी है तो फ़िर वह कहलाता है गोल्ड रेटिंग, मतलब ट्रिपल एफ (F)! दरअसल, एफ (F) रेटिंग की बुनियाद फ़िल्मों में और पूरे फ़िल्म उद्योग में महिलाओं के लिए बराबरी के दर्जे में है.
कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया जहां नारीवादी नज़रिया सिर्फ़ फ़िल्मों में ही नहीं बल्कि सभी प्रथाओं में केंद्रीय भूमिका में हो? इस कल्पना को साकार करते हुए आज हम इस नारीवादी नज़रिए को पॉडकास्ट के बरास्ते आपके पास लेकर आए हैं. इस शो में आप मिलेंगे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले अभ्यासकर्ताओं से और नारीवादी नज़र को केंद्र में रखते हुए द थर्ड आई टीम के साथ होंगी रोचक, शानदार, जानदार बातें.
कवर चित्र: तविशा सिंह