भोपाल में जन्मी और फ़िलहाल इंदौर में रह रही प्रियंका को उनके काम के लिए कई अंतरराष्ट्रीय और राष्ट्रीय पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है. कथेतर साहित्य की विधा में प्रकाशित अपनी पहली ही किताब ‘नो नेशन फॉर विमेन’ के ज़रिए वे बाल यौन शोषण, जातीय हिंसा, हत्या, बलात्कार, मानव तस्करी जैसे गंभीर मुद्दे की पड़ताल करते हुए इससे जुड़ी कहानियों को सामने लाने का प्रयास करती हैं.
सुनिए प्रियंका के साथ द थर्ड आई टीम की यह बातचीत.
निरंतर रेडियो पर पेश है एक नया शो जहां होंगी बातें F – रेटेड यानी फेमिनिस्ट रेटेड!
अक्टूबर 2014 में आयोजित बाथ फ़िल्म फेस्टिवल के दौरान पहली बार एफ (F) रेटिंग की शुरुआत हुई. एफ (F) रेटिंग का मतलब उन फ़िल्मों से है जिसकी निर्देशक महिला हों, या फ़िल्म की लेखक महिला हों और अगर कोई महिला मुख्य किरदार की भूमिका में है तो फ़िर वह कहलाता है गोल्ड रेटिंग, मतलब ट्रिपल एफ (F)! दरअसल, एफ (F) रेटिंग की बुनियाद फ़िल्मों में और पूरे फ़िल्म उद्योग में महिलाओं के लिए बराबरी के दर्जे से है.
कल्पना कीजिए एक ऐसी दुनिया की, जहां नारीवादी नज़रिया सिर्फ़ फ़िल्मों में ही नहीं बल्कि सभी प्रथाओं में केंद्रीय भूमिका में हो? इस कल्पना को साकार करते हुए आज हम इस नारीवादी नज़रिए को पॉडकास्ट के बरास्ते आपके पास लेकर आए हैं. इस शो में आप मिलेंगे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करने वाले अभ्यासकर्ताओं से और नारीवादी नज़र को केंद्र में रखते हुए द थर्ड आई टीम के साथ होंगी रोचक, शानदार, जानदार बातें.
कवर चित्र: तविशा सिंह