‘बुलंद आवाज़ें’ शृंखला में जिस पहले मुद्दे पर हम बात करने जा रहे हैं, वो है – भारत में लड़कियों की शादी की तय की गई कानूनन उम्र में किया जा रहा बदलाव. दिल्ली में चलाए जा रहे PACE कार्यक्रम की लड़कियां शिक्षा और शादी पर बात कर रही हैं.
सरकार की मंशा है कि लड़कियों की शादी की कानूनन उम्र 18 साल से बढ़ा कर 21 साल कर दी जाए ताकि उनके पढ़ने लिखने के मौकों में इज़ाफ़ा हो. मगर इस बदलाव से उनकी शिक्षा पर असर कैसे पड़ेगा? क्योंकि डाटा दिखाता है कि 14 – 15 साल की उम्र की लड़कियों का ड्राप आउट रेट कई वजहों से लगातार बढ़ा है. ये सब उससे ज़्यादा उलझा हुआ है, जितना दिखाई देता है.
आपकी आवाज़
हम जानना चाहते हैं कि आप क्या सोचते हैं, आपने क्या देखा है, आप क्या महसूस करते हैं, ऐसे क़ानूनों के बारे में जो आपको सीधे तौर पर प्रभावित करते हैं.
इसमें भाग लेने के लिए आप हमें अपना साउंड नोट यानी अपनी आवाज़ रिकॉर्ड कर, रील या वीडियो बना कर 9871499818 पर भेजें या मेल करें: [email protected]. इसे हम ऑडियोग्राम/वीडियो में बनाएंगे, जिससे आप इसको सांझा कर सकें. इस तरह से आपकी आवाज़ सीधी उन तक पहुंचेगी, जिन्हें इसे सुनने की ज़रूरत है.