इंटरनेट पर आने से हमारी पहचान किस तरह बदलती है और क्यों सरकारी एजेंसियां और प्राइवेट कंपनियां हमारे डेटा में दिलचस्पी रखती हैं? इस एपिसोड के ज़रिए दर्शकों को यह जानकारी भी मिलती है कि जेंडर के आधार पर जो हिंसा तकनीक के माध्यम से हो रही है, उसके ख़िलाफ़ हम क़ानूनी लड़ाई कैसे लड़ सकते हैं. माधुरी, इस एपिसोड के लिए ‘पॉइंट ऑफ़ व्यू’ की बिशाखा दत्ता और ‘वन फ़्यूचर कलेक्टिव’ की उत्तांशी अग्रवाल से मुलाक़ात करती हैं.