फिल्मी शहर एपिसोड 1: छोटा शहर
‘फिल्मी शहर’ ऑनलाइन मास्टरक्लास में हम अविजित मुकुल किशोर के साथ मिलकर सिनेमा की भाषा एवं उसके नज़रिए की पड़ताल करेंगे. इस मास्टरक्लास के पहले एपिसोड का विषय है – छोटा शहर.
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जहां हम मिलकर वीडियो बनाते हैं, उसे संजोते हैं और सीखने-सिखाने की प्रक्रिया के ज़रिए हिन्दुस्तान के छिपे और अनदेखे पहलुओं को सामने लाते हैं.
‘फिल्मी शहर’ ऑनलाइन मास्टरक्लास में हम अविजित मुकुल किशोर के साथ मिलकर सिनेमा की भाषा एवं उसके नज़रिए की पड़ताल करेंगे. इस मास्टरक्लास के पहले एपिसोड का विषय है – छोटा शहर.
शहरों का सपना देखने वाले, शहर के भीतर रहने वाले और शहर को बनाने वाले – इन सभी के ज़रिए हम शहर को देखने का नज़रिया तलाश कर रहे हैं.
लॉकडाउन में घर के अंदर पूरी तरह बंद होने के बाद आज, लगभग 18 महीने के बाद हम धीरे-धीरे घर से बाहर निकलकर अपने दफ़्तर जा रहे हैं, दोस्तों-रिश्तेदारों से मिल रहे हैं. कैसे? इसकी एक बड़ी वजह है कोरोना की वैक्सीन.
ब्लैक बॉक्स के इस नए एपिसोड में रमाबाई का किरदार निभा रही कलाकार रिज़वाना फातिमा, हमें रमाबाई के जीवन के उन अहम हिस्सों से रू-ब-रू करवा रही हैं जिसे आज के समय में हम ज़्यादा गहराई से महसूस कर सकते हैं.
बिहार में अलग-अलग समूहों से जुड़ी महिलाओं ने ज़ूम वीडियो कॉल पर बात करते हुए स्वास्थ्य से जुड़े हर मुद्दे पर हमसे खुलकर बात की. कम्प्यूटर का सर्वर ख़राब होने की दिक्कत से लेकर स्वास्थ्य केन्द्रों के भूसा घर में तबदील हो जाने की दास्तान यही बताती है कि ग्रामीण भारत में स्वास्थ्य सेवाएं प्राप्त करना अमूमन भूसे के ढेर में सुई खोजने के समान है.
स्वास्थ्य का अधिकार हमारे मौलिक अधिकारों में शामिल है. लेकिन आज़ादी के 75 साल बाद भी क्या स्वास्थ्य सुविधाएं सभी के लिए समान रूप से उपलब्ध हैं? इस वीडियो प्रस्तुति में चंबल मीडिया और द थर्ड आई टीम के साथ जानिए—क्या है जन स्वास्थ्य व्यवस्था और कर्ज़ में डूबते भारत का असल सच?
2011 की भारतीय जनगणना के अनुसार सिर्फ़ दो या ढाई फीसदी लोग ही शारीरिक एवं मानसिक विकलांगता से ग्रसित हैं। क्या ये पूरा सच है? जन स्वास्थ्य व्यवस्था में शारीरिक एवं मानसिक विकलांगता वाले लोग सबसे निचले पायदान पर क्यों खड़े दिखायी देते हैं?
ट्रांसजेंडर या सिसजेंडर – जो किसी तयशुदा खांचे में अपने को फिट नहीं पाते, वे सार्वजनिक स्वास्थ्य के ‘सिस्टम’ में अपने को कहां खड़ा पाते हैं? क्या वैक्सीन या स्वास्थ्य से जुड़े किसी भी प्रचार का केंद्र ऊंची जाति के लोग और ख़ासकर उत्तर भारत के लोग ही हैं?
हमारे डिजिटल एजुकेटर्स ने ऑनलाइन एक कार्यशाला के ज़रिए अपने शरीर के और अपने आसपास के दर्द को समझने का प्रयास किया. कार्यशाला में क्या बातें हुईं और कैसे साथियों ने अपने दर्द का नक्शा बनाया इस वीडियो के ज़रिए देखें.
द थर्ड आई प्रस्तुत करती है ब्लैक बॉक्स, एक नई वीडियो शृंखला जो कलाकारों और थिएटर अदाकारों के ज़रिए महिलाओं के लेखन और हाशिए पर खड़ी आवाज़ों को दर्ज करती है.