ब्लैक बॉक्स के इस नए एपिसोड में रमाबाई का किरदार निभा रही कलाकार रिज़वाना फातिमा, हमें रमाबाई के जीवन के उन अहम हिस्सों से रू-ब-रू करवा रही हैं जिसे आज के समय में हम ज़्यादा गहराई से महसूस कर सकते हैं.
1858 में जन्मी पंडिता रमाबाई ने अपने जीवन काल में दो बड़े विकराल अकाल और एक भयानक प्लेग का सामना किया. अकाल और प्लेग के बीच अपने पूरे परिवार को खो देने वाली रमाबाई, दूसरों की मदद के लिए अंग्रेज़ी हुकूमत तक से भिड़ गईं. उन्होंने अनाथ बच्चों, लड़कियों, विधवाओं, अकेली छोड़ दी गई स्त्रियों को न केवल इन महामारियों से बचाया बल्कि उन्हें अपने आश्रम में आश्रय देकर, पढ़ाया-लिखाया, कमाने के गुर सिखाए.
ब्लैक बॉक्स का यह एपिसोड समर्पित है उन तमाम लोगों के नाम जिन्होंने कोविड की पहली और दूसरी लहर के दौरान दूसरों की मदद की, उन वॉलिन्टियर्स के नाम जो बीमार व्यक्तियों के लिए रात और दिन दवाइयां, ऑक्सीज़न और दूसरी ज़रूरी चीज़ों का इंतज़ाम करने में लगे हुए थे. यह समर्पित है हर एक आम व्यक्ति के नाम जिन्होंने कोविड के दौरान लोगों की मदद की.
ब्लैक बॉक्स वीडियो सीरीज़ लेखकों, कलाकारों, थियेटर करने वाले लोगों को हमारे मंच से जुड़ने के लिए आमंत्रित करता है, कि वे महिला लेखन से जुड़े उन किरदारों, किस्से -कहानियों को हमारे साथ मिलकर सामने लाने का काम करें जो भारत के वैकल्पिक इतिहास की दास्तान रचते हैं.
ब्लैक बॉक्स एपिसोड 1 यहां देखें.