इस बार बारी है स्वास्थ्य और सिस्टम के बीच मानसिक स्वास्थ्य को परखने एवं समझने की… ये एक ऐसी कोशिश है जहां हम इलाज और बीमारी के दायरे से बाहर निकलकर जीवित इतिहास को महसूस कर रहे हैं. हमारी पॉडकास्ट सीरीज़ मन के मुखौटे, साहित्य और अनुभवी आवाज़ों के ताने की बहुत बारिक बुनाई है. जिसके ज़रिए हम दिल, दिमाग़ और मस्तिष्क को एक सीध में रख, हमेशा सच बयान करने वाले मन की गहराई में डूबने का प्रयास करेंगे.
मन के मुखौटे के पहले एपिसोड में हम कोरोना महामारी के पिछले 18 महीने के मानसिक और भावनात्मक अनुभवों को ऑडियो के ज़रिए सामने ला रहे हैं, जिसने न जाने कितने लोगों की ज़िंदगियां बदल दी हैं. इस सीरीज़ की पहली कहानी लेखक अहाना चौधरी की लिखी – ग्रीफ़ इज़ ए स्टबर्न एनिमल* से साभार है. इसका हिन्दी तर्जुमा माधुरी आडवाणी ने ‘अड़ियल दुख’ के नाम से किया है. इसमें अलग-अलग तरह के लोगों की आवाज़ें हैं जिन्होंने बहुत प्यार और आत्मियता से अपना दुख हमसे साझा किया.
यह कहानी सबसे पहले Soup वेबसाइट पर प्रकाशित हुई थी – https://thesoup.website/