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एपिसोड 1

पटनावाली Ep 1: हम का गाय बैल हैं?

पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना-सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं.
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बिहार में अक्सर जब कोई लड़की ब्याह कर ससुराल आती है तो वो जया, सुषमा, अनीता के नाम से नहीं पहचानी जाती बल्कि वो दरभंगा वाली, मुज़फ्फरपुरवाली, बेगूसराय वाली, पटनावाली जैसे नामों से जानी जाती हैं. सिर्फ नाम ही नहीं, कई बार मर्ज़ी से बाहर घूमनेवाली औरतों को परकट्टी, बलकट्टी जैसे नामों से नवाज़ा जाता है. संस्कारों और रीति रिवाजों को न मानने वाली औरतें हमारे समाज में कोई रहस्यमयी गुत्थी की तरह चर्चा का विषय होती हैं.

इन्हीं रहस्यमयी चरित्रों से जुड़े किस्सों और चेमीगोईयों के लिए पटनवाली के साथ बने रहिए.

निर्माता: सादिया सईद

मेंटर: सुमन परमार

लेखन और आवाज़: स्वाती कश्यप

चित्रांकन: आकृति अग्रवाल

द थर्ड आई की पाठ्य सामग्री तैयार करने वाले लोगों के समूह में शिक्षाविद, डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मकार, कहानीकार जैसे पेशेवर लोग हैं. इन्हें कहानियां लिखने, मौखिक इतिहास जमा करने और ग्रामीण तथा कमज़ोर तबक़ों के लिए संदर्भगत सीखने−सिखाने के तरीकों को विकसित करने का व्यापक अनुभव है.
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