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विशेष फीचर

हमारे विशेष एपिसोड द थर्ड आई के संपादकीय को गहराई से खोलते हैं। एक एपिसोड महिलाओं के श्रम को संबोधित करता है, दूसरा एपिसोड महामारी में अकेले रहने की चिंता को टटोलता है, एक विशेषाधिकार के लेंस के माध्यम से जाति पर एक प्रश्न है और अन्य काल्पनिक कहानियां हैं जिन्हें विशेष रूप से समकालीन समय में मौखिक कहानी का रूप दिया गया है।

“बाबा, कोई डायन कैसे बनती है?” सूखी झील के किनारे खड़े होकर भागीरथ जब यह सवाल अपने पिता मलिंदर से पूछता है, उस वक्त उसकी बिछड़ी हुई मां की परछाई उसके ऊपर मंडरा रही होती है. महाश्वेता देवी की कहानी बायन में भागीरथ अपनी मां को याद करता है और यह जानने की कोशिश करता है कि कैसे उन्हें डोम समुदाय ने बायन (डायन) कहकर अलग कर दिया.
मैं जेल के भीतर काम करती हूं. मैं जिनके साथ काम करती हूं वे कैदी है. तो मैं क्या हूं? सामाजिक कार्यकर्ता भी कई तरह के होते हैं, जो अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं. पर, अक्सर जेल के भीतर काम करने वाले सामाजिक कार्यकर्ताओं से पूछा जाता है कि, “कोई जेल में क्यों काम करना चाहेगा?”
मुम्बई, महाराष्ट्र के रहने वाले रोहन के लिए अपने सरनेम पर गौरव महसूस करना और आरक्षण का विरोध कर रिज़र्व श्रेणी की जातियों को अपनी परेशानी का कारण बताना बहुत आसान था. लेकिन, एक फेलोशिप पर काम करने के दौरान जब रोहन ने निगाह उठाकर अपने आसपास देखने की कोशिश की तब उसे जाति और उससे जुड़े विशेषाधिकारों के बारे में पता चला.
मीना, एनी और नयनतारा – सेंट एग्निस कॉलेज में पढ़ने वाली तीन लड़कियां, तीन दोस्त – जो दुनिया को अपने कंधे पर उठाए नाचती फिरती हैं. वे दुनिया पर राज करती हैं, कम से कम अपने कॉलेज पर तो ज़रूर करती हैं! वे कॉलेज फेस्टिवल्स की जान हैं. डांस में उनका कोई सानी नहीं. 
महामारी की वजह से जब हमारे थियेटरों पर ताले जड़ गए तो हमने उनकी याद में अपने को 1920X1080 के टीवी स्क्रीन में समेट पर ऑनलाइन डिजिटल फ़िल्मों और सीरियलों में ख़ुद को डुबो लिया.
कोरोना की दूसरी लहर अब मद्धम पड़ रही है. लॉकडाउन खुल रहे हैं. धीरे-धीरे बाहर की दुनिया के पर्दे उठने लगे हैं. लेकिन, भीतर अब भी बहुत कुछ अंधेरे में हैं.
काम या आराम? क्या ये सवाल जेंडर आधारित है? मलयालम फिल्म #TheGreatIndianKitchen आजकल बहुत पसंद की जा रही है. हमने जब इसे देखा तो लगा कि क्यों न हम भी आपके साथ रसोई का एक चक्कर लगा ही लें. तो आइए सुनें हमारी रसोई से ताज़ा ताज़ा बनकर निकली ये कहानी.
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