जेल को लेकर हमारी बहुत सारी धारणाएं हैं, जो आमतौर पर अच्छी नहीं होतीं. पर, सच ये है कि हम जेल के बारे में बहुत कम जानते हैं.
जेल के साथ जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ता का समय जेल के भीतर और बाहर, शेल्टर होम और कोर्ट परिसरों में सवालों और जवाबों के बीच गुज़रता है. अक्सर ये परिवार, महिला और आपराधिक न्याय व्यवस्था के बीच पुल का काम करती हैं. लेकिन खुद वे अपने भीतर किन सवालों से रू-ब-रू होती हैं? क्या है जो उन्हें इस काम से जोड़े रखता है? वे अपराध को किस तरह देखती हैं? जेल के भीतर-बाहर वे किस तरह के ऊहापोह में फंसी होती हैं? इसका जवाब हम भी जानना चाहते थे.
द थर्ड आई टीम ने प्रयास संस्था के साथ जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर इन जवाबों को जानने की कोशिश की. प्रयास, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) का फ़ील्ड एक्शन प्रोजेक्ट है जो आपराधिक न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करता है. पिछले 10 महीनों में हमने प्रयास संस्था के साथ काम करने वाली पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जेल के भीतर सामाजिक कार्यकर्ताओं की उपस्थिति, उनका काम, जेल के साथ उनका क्या रिश्ता है जैसे तमाम पहलुओं को जानने-समझने का काम किया. हमने साथ मिलकर कई कार्यशालाएं कीं और जो सामने आया उसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं. इस पॉडकास्ट में हम सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा लिखी गई चिट्ठियों को साझा कर रहे हैं. हमने जब उनसे कहा कि, ‘अगर आपको किसी को चिट्ठी लिखनी हो तो आप वो चिट्ठी किसे लिखेंगी, और उसमें क्या लिखेंगी..?’
जानना चाहते हैं कि उन्होंने क्या लिखा? सुनिए पॉडकास्ट ‘तुम्हारे नाम (लेटर्स फ्रॉम द सिस्टम)’
इन पत्रों को लिखने, पॉडकास्ट के लिए इसे पढ़ने और एडिट करने का काम किया है – अरुणा निमसे, कोमल ए तावड़े, सुरेखा, कल्पना कटारे रणदिवे और कृपा शाह ने.
डॉ. शेरोन मेनेज़ेस का बहुत शुक्रिया जिन्होंने सबसे पहले इस प्रोजेक्ट के विचार को हमारे साथ साझा किया और जेल में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ताओं से हमारी मुलाकात करवाई.
स्क्रिप्ट एवं प्रोडक्शन – माधुरी आडवाणी और जूही जोतवानी
वर्कशॉप संचालन – माधुरी आडवाणी, आस्था बाम्बा और जूही जोतवानी
आवरण चित्र – कल्कि
स्टूडियो सहयोग – वेवलेंथ स्टूडियो, अंधेरी