Skip to content

पटना

कहानी घर घर की

पटना में रहनेवाली स्वाती रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. पटनावाली की तीसरी क़िस्त में वे हमें सुना रही हैं कहानी घर घर की.

बलकट्टी-परकट्टी

पटनावाली की दूसरी क़िस्त में स्वाती हमें मिला रही हैं ‘संस्कारानंद’ से जिनकी तर्क-विद्या से आपके भी होश उड़ जाएंगें. एक ट्रेनिंग के दौरान 16 साल के लड़के से हुई मुलाक़ात और उसकी परेशानी का कारण जानने के बाद यह कहना अतिश्योक्ति नहीं कि महिलाओं को अपनी पसंद के कपड़े पहनने, बाल कटवाने या कहीं आने-जाने जैसी छोटी-छोटी आज़ादियों के लिए कई सवालों का जवाब देना पड़ता है.

हम का गाय बैल हैं?

पटना में रहनेवाली स्वाती को कहानियां सुनना-सुनाना पसंद है. वे रोज़मर्रा की ठेठ कहानियों को अपने बिहारी तड़के के साथ हमारे सामने ला रही हैं. स्वाती इन कहानियों के ज़रिए कुछ बेड़ियों को टटोलती हैं और उन्हें चुनौती देती हैं.