
मेरा चश्मा, मेरे रूल्स Ep 1: मेरी सुरक्षित जगह कहां है?
नारीवादी संस्थाओं और अकादमिक बातचीत में ‘सुरक्षित जगह’ के बारे में अक्सर बात की जाती है. भिन्न मौकों पर हम इस बात को दोहराते हैं कि इस लफ्ज़ के माने अलग-अलग लोगों के लिए, और अलग-अलग वक़्त पर कितने मुख्तलिफ़ रहे हैं. कुछ ऐसा ही सवाल हमने मुस्कान और शोम्या से पूछा कि इस लफ्ज़ का उनके लिए क्या मतलब है?








