
क्वीयर घर: बसने-बसाने का काम, भाग-1
द थर्ड आई टीम को लॉकडाउन के पहले से ही घर पर होने वाले काम के बंटवारे को लेकर कई सवालों के जवाब पाने की धुन सवार है.
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सामाजिक, राजनीतिक, बौद्धिक विचार के रूप में काम. इसके इतिहास और विकास की नारीवादी नज़रिए से छानबीन
द थर्ड आई टीम को लॉकडाउन के पहले से ही घर पर होने वाले काम के बंटवारे को लेकर कई सवालों के जवाब पाने की धुन सवार है.
हमने तालाबंदी के दौरान घरेलू हिंसा बहुत अधिक बढ़ जाने के बारे में सुना है. ‘स्टे होम, कितना सुरक्षित’ के पहले एपिसोड में हम मिल रहे हैं, CEHAT संस्था (मुंबई) की संगीता रेगे और नज़रिया संस्था (दिल्ली) की ऋतुपर्णा बॉरा से. वे हमें बता रही हैं कि कैसे उन्हें रातों-रात एक नया तंत्र विकसित करना पड़ा ताकि वे घर में प्रताड़ित करने वालों के साथ फंसी औरतों और क्वीयर लोगों की सहायता कर सकें.