निरंतर रेडियो

एपिसोड 03

फ से फ़ील्ड, ज से जेल: सरिता और मैडम – एपिसोड 3

सरिता जब भी प्रयास के दरवाज़े खट-खटाती है तो इसका मतलब परेशानी ही नहीं होता, जो वो अपने साथ लाती है. कभी वो कुछ मसलों के ऐसे अनोखे हल भी ढूंढ लाती है जो हमें परेशानी को अलग नज़रिए से देखने पर मजबूर कर देते हैं. इस तीसरे एपिसोड में क्रुपा हमें सरिता के उस एक खास दिन के बारे में बता रही हैं जब उसने मोल-भाव करने से साफ इंकार कर दिया.

द थर्ड आई में हमारा काम फ़ील्ड की समझ को विस्तार देना भी है. हम फ़ील्ड पर काम करने वाले लोगों की कहानियों को सामने लाने का प्रयास करते हैं जो अपने अनोखे अंदाज़ के साथ इसे जीवंत बनाते हैं.

पिछले साल 2023 में हमने प्रयास संस्था के साथ जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ काम करना शुरू किया था. प्रयास, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) का फ़ील्ड एक्शन प्रोजेक्ट है जो आपराधिक न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करता है. पिछले 10 महीनों में हमने प्रयास संस्था के साथ काम करने वाली पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जेल के भीतर उनकी उपस्थिति, उनका काम, जेल के साथ उनका क्या रिश्ता है जैसे तमाम पहलुओं को जानने-समझने का काम किया. हमने साथ मिलकर कई कार्यशालाएं कीं और जो सामने आया उसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं. एक कार्यशाला के दौरान हमने जब उनसे कहा कि, ‘आप जहां काम करती हैं उसके बारे में बताएं और उस जगह पर आप किनसे मिलती हैं उसके बारे में भी बताएं’.

इन चिट्ठियों को लिखने, इन्हें संपादित करने और रेडियो पर आवाज़ देने का काम क्रुपा शाह ने किया है.

हम टाटा इंस्टीट्यूट फॉर सोशल साइंस (TISS) से जुड़ी शेरोन मेनेज़ेस का भी शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने हमारा ध्यान इस ओर खींचा और जेल में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ताओं से हमारी मुलाकात करवाई.

कार्यशाला फेसिलिटेटर – माधुरी आडवाणी, आस्था बाम्बा, जूही जोतवानी
प्रोडक्शन – सादिया सईद
स्क्रिप्ट – जुही जोतवानी
आवरण – आस्था शर्मा

स्टूडियो सहयोग – वेवलेंथ स्टूडियो, अंधेरी

द थर्ड आई की पाठ्य सामग्री तैयार करने वाले लोगों के समूह में शिक्षाविद, डॉक्यूमेंटरी फ़िल्मकार, कहानीकार जैसे पेशेवर लोग हैं. इन्हें कहानियां लिखने, मौखिक इतिहास जमा करने और ग्रामीण तथा कमज़ोर तबक़ों के लिए संदर्भगत सीखने−सिखाने के तरीकों को विकसित करने का व्यापक अनुभव है.
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