चंबल मीडिया के सहयोग से हम लेकर आए हैं ‘लिटिल फ़िल्म शृंखला’. यह शृंखला हर दिखाई देने वाली चीज़ का दूसरा पहलू तलाशती है. किसानों की तरह ही प्रवासी मज़दूरों के बारे में भी सोचा जाता है कि वे अधिकतर मर्द ही होते हैं. जबकि वास्तविकता तो यह है कि इनमें से कम से कम 70% महिलाएं हैं. हम इनमें से दो महिलाओं और उनकी एक साइकिल से मिले जो बुंदेलखंड में अपने घर लौट पाईं.
यह भी देखें

हैप्पी बर्थडे वाला लैटर
January 5, 2021

फिल्मी शहर एपिसोड 2: जाति और सिनेमा
March 11, 2022

केसवर्कर्स से एक मुलाकात एपिसोड 4 – शबीना मुमताज़
November 30, 2023