तो, इस बार हमारे साथ हैं महाराष्ट्र की जेल में काम करने वाली एक सामाजिक कार्यकर्ता जो अपने क्लाइंट (जेल में बंद महिला कैदी जिनके साथ सामाजिक कार्यकर्ता काम करती हैं) के साथ रोज़मर्रा की कहानियों को हमारे साथ साझा कर रही हैं. इस पहले एपिसोड में वे हमें अपनी एक क्लाइंट – सरिता के बारे में बता रही हैं. चार एपिसोड की इस सीरीज़ में वे हमें कोविड महामारी के बीच छुपे जीवन को उसके अनेकों रंगों में रू-ब-रू करती हैं.
पिछले साल 2023 में हमने प्रयास संस्था के साथ जुड़ी सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ काम करना शुरू किया था. प्रयास, टाटा सामाजिक विज्ञान संस्थान (TISS) का फ़ील्ड एक्शन प्रोजेक्ट है जो आपराधिक न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में सामाजिक कार्य करता है. पिछले 10 महीनों में हमने प्रयास संस्था के साथ काम करने वाली पांच सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ मिलकर जेल के भीतर उनकी उपस्थिति, उनका काम, जेल के साथ उनका क्या रिश्ता है जैसे तमाम पहलुओं को जानने-समझने का काम किया. हमने साथ मिलकर कई कार्यशालाएं कीं और जो सामने आया उसे हम आपके साथ साझा कर रहे हैं. एक कार्यशाला के दौरान हमने जब उनसे कहा कि, ‘आप जहां काम करती हैं उसके बारे में बताएं और उस जगह पर आप किनसे मिलती हैं उसके बारे में भी बताएं’.
इन चिट्ठियों को लिखने, इन्हें संपादित करने और रेडियो पर आवाज़ देने का काम क्रुपा शाह ने किया है.
हम टाटा इंस्टीट्यूट फॉर सोशल साइंस (TISS) से जुड़ी शेरोन मेनेज़ेस का भी शुक्रिया अदा करना चाहते हैं जिन्होंने हमारा ध्यान इस ओर खींचा और जेल में काम करने वाली सामाजिक कार्यकर्ताओं से हमारी मुलाकात करवाई.
कार्यशाला फेसिलिटेटर – माधुरी आडवाणी, आस्था बाम्बा, जूही जोतवानी
प्रोडक्शन – सादिया सईद
स्क्रिप्ट – जुही जोतवानी
आवरण – आस्था शर्मा
स्टूडियो सहयोग – वेवलेंथ स्टूडियो, अंधेरी