लेकिन एक दिन कॉलेज खत्म हो जाता है. फिर क्या होता है?
कॉलेज की दोस्तियां किस हद तक हमारे साथ होती हैं? कॉलेज खत्म होने के बाद इन दोस्तियों का क्या होता है?
लेखक निशा सुसान की बहुचर्चित किताब ‘विमेन हू फॉरगेट टू इनवेंट फेसबुक’ में प्रकाशित कहानी ‘ट्रिनिटी’ का हिंदी अनुवाद ‘त्रिदेवी’, तिरुवनंतपुरम के एक कॉलेज की तीन दोस्तों की कहानी है. प्रतिलिपि से प्रकाशित यह किताब लगातार चर्चा में बनी हुई हैं. तीन दोस्त, हर अच्छे बुरे समय में एक दूसरे के साथ खड़ी होती हैं. कॉलेज से निकलने के बाद भी साथ निभाने के वादे करती हैं. लेकिन असल में होता क्या है? सुनिए निरंतर रेडियो पर.
आवाज़ – जूही जोतवानी
अनुवाद एवं प्रस्तुति – माधुरी आडवाणी
(आवरण साभार: प्रतिलिपि)