अंक 001: काम

सामाजिक, राजनीतिक, बौद्धिक विचार के रूप में काम. इसके इतिहास और विकास की नारीवादी नज़रिए से छानबीन

जेंडर आधारित हिंसा

स्टे होम, कितना सुरक्षित Ep 3: जेंडर आधारित हिंसा और हमारा मूकदर्शक बने रहना

स्टे होम, कितना सुरक्षित? के तीसरे भाग में हम दर्शक या बाईस्टैंडर की भूमिका की छान-बीन कर रहे हैं – जी हां, आपके और हमारे जैसे लोग, जो जेंडर आधारित हिंसा की स्थितियों में अपने आप को मौजूद पाते हैं.

महिला किसान

अगर औरत किसानी कर सकती है, तो वह मालिक क्यों नहीं हो सकती?

कैसा दिखता है या दिखती है एक किसान? आपके मन में इसकी जो छवि उभरी है, मुमकिन है कि यह एक मर्द की छवि हो. यह कहना ठीक है कि यह एक रूढ़ छवि है.

मेरी इच्छा का क्या

#21seKyaHoga: मेरी इच्छा का क्या? | भाग 3

हम किसे, कब और कैसे प्यार करते हैं, क्या इसे कानून नियंत्रित कर सकता है? क्या एक औरत की इच्छा पर और पहरा लगाया जा सकता है?

टीचर टॉक्स: बिदिशा

टीचर टॉक्स, भाग 4

ऐश्वर्या रेड्डी के दुखद देहांत ने, खासकर शिक्षा के संदर्भ में, भारत में मौजूद दो अलग-अलग दुनियाओं की डिजिटल तक पहुंच के फर्क को उजागर किया है.

स्कूल कहां हैं

#21sekyahoga: स्कूल कहां हैं?

शादी की उम्र बड़ा देने से शिक्षा का बुनियादी ढांचा कैसे हम तक पहुंच जाएगा? अलवर, राजस्थान की लड़कियों ने पूछा. अगर कोई स्कूल ही नहीं है, आने- जाने के लिए परिवहन की सुविधा नहीं है. शादी की कानूनन उम्र बदल कर 21 करने से हमें स्कूल जाने में कैसे मदद मिलेगी?

टीचर टॉक्स 3

टीचर टॉक्स, भाग 3

भाग 3 में हम मिल रहे हैं टीच फॉर इंडिया की फेलो, मुम्बई में रहने वाली फ्रेया से जिन्होंने महसूस किया कि उनके BMC स्कूल छात्र कुछ सीख सकें इससे पहले उन्हें खाना खाने की ज़रुरत है.

जेंडर आधारित हिंसा के केन्द्र में तकनीक

स्टे होम, कितना सुरक्षित Ep 2: जेंडर आधारित हिंसा के केन्द्र में तकनीक

अगर ज़्यादा से ज़्यादा लोग ऑनलाइन की तरफ़ बढ़ रहे हैं, तो समाज में मौजूद हिंसा कहां जा रही है? ज़ाहिर है, ऑनलाइन. ‘स्टे होम, कितना सुरिक्षत?’ के दूसरे एपिसोड में, माधुरी समझने की कोशिश कर रही हैं कि क्या हमारा डिजिटल सेल्फ़ हमारी परछाई है? या हमारी पहचान का अटूट अंग?

The Drop-out Girls

#21sekyahoga: ड्रॉप आउट लड़कियां

‘बुलंद आवाज़ें’ शृंखला में जिस पहले मुद्दे पर हम बात करने जा रहे हैं, वो है – भारत में लड़कियों की शादी की तय की गई कानूनन उम्र में किया जा रहा बदलाव.

Skip to content